कुट्टी
चुप्पी खो-खो कैसा बेमेलों का मेल ।
राजनीति
बन गई रे बच्चों का खेल।।
अगड़े
पिछड़ गये पिछड़े बिछुड़ गये ।
दलितों
को रौंद नेता आगे निकल गये ।
दिलों
को दिलों से दूर दिया है धकेल।
राजनीति
बन गई बच्चों का खेल ।।1।।
चाहे जब
सरकार गिराये चाहे जब मतदान ।
माली
हालत देश की हो गई है बेजान ।।
जाग जाओ
सुधि जनों डाल दो नकेल ।
राजनीति
बन गई रे बच्चो का खेल ।।2।।
सब कुछ
डकार गये अब क्या गोबर खाएंगे ।
मतदाता
के पास कौनसी सूरत लेकर जायेंगे ।।
गांव
बोले न बोले बयरा बोले रे पटेल ।
राजनीति
बन गई रे बच्चो का खेल ।।3।।
गद्दारो
के आगे सारा देश गूंगा है ।
भारत के
सपूतों को क्या सांप सूंघा है ।।
भूत का
साया है या लागी रे चुड़ैल ।
राजनीति
बन गई रे बच्चो का खेल ।।4।।
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