स्वर्ण
चिरैया कथा पुरानी ।
सुनो
सुनाऊं में नई कहानी ।.
कई
रानीयों का एक राजा ।
कोई खीचे पगड़ी कोई पजामा ।।
बैठी
हुक्म चलाए पटरानी ।
सुनो
सुनाऊं मै नई कहानी ।।
झूठे
वादे सौगंध खाले।
एक दूजे
पर पंक उछाले
भदरंगे
रंग रंगी राजधानी ।
सुनो
सुनाऊं मै नई कहानी ।।
दुराचरण
घपले घोटाले ।
झूठ
फरैबी धन्धे काले ।
मौन है
सच सो गई जवानी ।
सुनो
सुनाऊं मै नई कहानी ।।
देवालय
वीरान पड़ा है ।
न्यायालय
में राम खड़ा है ।.
रावण
राज करे मनमानी ।
सुनो
सुनाऊं मै नई कहानी ।।
No comments:
Post a Comment